Tuesday, June 4, 2013

पुष्पेय: शुध्द ना होगा वातावरण, तो होगा मानवता का मरण ॥

पुष्पेय: शुध्द ना होगा वातावरण, तो होगा मानवता का मरण ॥:           वातावरण राम रहीम की औलाद हो तुम ,                आ जाओ प्रकृति की शरण । शुध्द ना होगा वातावरण ,                तो ह...

शुध्द ना होगा वातावरण, तो होगा मानवता का मरण ॥


          वातावरण

राम रहीम की औलाद हो तुम,
               आ जाओ प्रकृति की शरण ।
शुध्द ना होगा वातावरण,
               तो होगा मानवता का मरण ॥

बना लो चाहे अट्टालिकाएं,
           या चाहे कर लो लक्ष्मी का वरण।
प्यार बांटों,पैसा बांटों,
                या चाहे बनो दानवीर करण ।
अहं हटाओ,लोभ मिटाओ,
            या  करो काम-क्रोध का हरण।
शुध्द ना होगा वातावरण,
               तो होगा मानवता का मरण ॥1


दुध पिलाओ,मेवा खिलाओ,
     या करो बोर्नविटा से पोषण-भरण ।
'जिम' भेजो, अखाड़ा भेजो,
    या भेजो किसी पहेलवान की शरण ।
मंदिर जाओ,मस्जिद जाओ,
             या थामो किसी गुरू के चरण ।
शुध्द ना होगा वातावरण,
               तो होगा मानवता का मरण  ॥2



लाघूं समुंदर,छू लू आसमां,
     या और कुछ हो जीने का कारण ।
तय करता एक सांस का फासला,
                          जीवन है या मरण ।
सब तो फिर 'एक शून्य' है,
                    जब दूषित हो पर्यावरण ।
 शुध्द ना होगा वातावरण,
               तो होगा मानवता का मरण ॥3

                         'पुष्पेय'ओमप्रकाश गोंदुड़े
                          05.06.2013
                                (विश्व पर्यावरण दिवस)
                               (चित्र साभार गूगल से) 
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